केरल में पिछले दिनों भारी बारिश और बाढ़ के दौरान ऐसी भी कई घटनाएं सामने आईं जिनमें लोगों को सांपों ने काट लिया... देश में हर साल लगभग पचास हज़ार लोगों की मौत सांपों के काटने से होती है. हालांकि ये भी एक तथ्य है कि देश में पाए जाने वाले तीन सौ किस्म के सांपों में से महज़ दस फीसदी ही ज़हरीले होते हैं और इनमें भी चार किस्म के सांपों का ज़हर सबसे ख़तरनाक साबित होता है. ये हैं रसेल वाइपर, सॉ स्केल वाइपर, किंग कोबरा और करैत. अगर ये सांप काट लें और दवा मिलने में देरी हो जाए तो जान बचनी मुश्किल हो जाती है. यही नहीं जिस सांप ने काटा है अगर उसके बारे में पूरी जानकारी ना हो तो दवा तय करने में भी दिक्कत होती है. सांपों के काटने से जुड़ी दवा यानी एंटी वेनम सीरम सांपों के ही ज़हर से बनता है. इसके लिए सांपों को पकड़ कर उनका ज़हर निकाला जाता है और इस प्रक्रिया को अक्सर सांपों के साथ ज़्यादती भी माना जाता है. ऐसे में आईआईटी दिल्ली की एक रिसर्च काफ़ी कारगर साबित हो सकती है. आईआईटी ने एक दवा बनाई है जो किसी भी तरह के सांप के ज़हर पर कारगर हो सकती है और बाज़ार में मिलने वाली अन्य दवाओं के मुक़ाबले बहुत सस्ती भी होगी.
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