22 मई की रात जब ये देश लोकसभा के नतीजों का इंतज़ार कर रहा था, तब किसी को नहीं मालूम था कि पायल ताडावी नाम की एक 26 साल की लड़की ख़ुदकुशी की योजना बना रही है. वो डॉक्टर थी. मुंबई के बीवाईएल नायर अस्पताल में सेकंड ईयर रेज़िडेंट डॉक्टर. जब उसने डॉक्टर बनने का सपना देखा होगा तो ये मासूम सा खयाल भी उसके भीतर रहा होगा कि वो लोगों की जान बचाएगी. उसका एक भाई विकलांग है. पायल की मां बताती हैं कि भाई की हालत देखकर भी उसने डॉक्टर बनने की सोची थी. लेकिन हालात ऐसे बने कि उसने ख़ुद जान दे दी.
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