पिछली बार जब प्रधानमंत्री मोदी ने शपथ ली थी तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ मेहमान थे. तब सार्क देशों को न्योता गया था. उन दिनों प्रधानमंत्री मोदी नवाज़ शरीफ़ पर इतने मेहरबान थे कि उनके जन्मदिन पर अनायास पाकिस्तान जा पहुंचे. बेशक, ये एक अच्छा क़दम था जिसकी हमने भी तारीफ़ की थी. लेकिन भारत-पाक रिश्तों को पुराने संदेहों से घिरने में ज़्यादा समय नहीं लगा. आज की तारीख़ में लगभग अनबोले जैसी हालत है. पुलवामा और बालाकोट तनाव के नए बिंदु हैं. चुनावों में भी मोदी बार-बार कहते रहे कि वो घुस कर मारने में भरोसा करते हैं. जाहिर है, निशाने पर पाकिस्तान ही था. तो इस बार शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान ग़ायब रहा, सार्क की जगह बिम्सटेस्क के देश आ गए. सार्क का नाम तो फिर भी लोगों ने सुना था, ये बिम्सटेक क्या बला है, ये कम लोगों को मालूम था. दिलचस्प ये है कि सार्क और बिम्सटेक में बस दो देशों का अंतर है.
from Videos http://bit.ly/2EHZiCG
No comments:
Post a Comment