तुलसीदास जी की रामचरितमानस का उर्दू में अनुवाद करने का जिम्मा वाराणसी की अनुवादक नाजनीन अंसारी ने उठाया है. उन्होंने बताया कि मैं रामचरितमानस के अयोध्या कांड का उर्दू में अनुवाद कर रहा हूं, ताकि मुस्लिम परिवारों के लोग भगवान राम के मूल्यों और पहचान को जान सकें. मुस्लिम परिवारों में ऐसी महिलाएं हैं जो घरों के अंदर रहती हैं और केवल उर्दू पढ़ सकती हैं. उन्हें इसे पढ़ना चाहिए और भगवान राम और सीता के मूल्यों के साथ-साथ उनके चरित्र को भी जानें.
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