देश में वैक्सीन की कमी का मामला सामने आ रहा हैं. ऐसे में क्या हम कोरोना रोधी टीके की पहली और दूसरी खुराक के बीच दिनों के अंतर को बढ़ा दें, तो क्या इस समस्या से निपटा जा सकता है. ऐसा करने से हम ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों को पहली डोज दे सकेंगे. ऑक्सफोर्ट यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में यह सामने आया है कि जिसके अनुसार अगर वैक्सीन की दोनों डोज 6 हफ्ते के भीतर दी जाती है तो यह 55 फीसदी सुरक्षा कर सकती है, वहीं अगर इसे 12 हफ्तों के अंदर लगाया जाता है तो इसका सुरक्षा प्रतिशत 83 से ज्यादा हो जाती है. डोज के इस अंतर को बढ़ाने और कोरोना के हालातों को लेकर अंजिली इस्टवाल ने तथ्यों और जानकारों के साथ की चर्चा.
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