26 जनवरी को दिल्ली की सड़कों पर हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन की जमीन सरकती हुई दिखाई दे रही थी. लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत के आंखू से निकले आंसुओं को देख किसान आंदोलन की पूरी फिजा बदल गई. एक बार फिर गाजीपुर बॉर्डर पर बड़े पैमाने पर लोग एकत्रित हो चुके हैं. रवीश रंजन शुक्ला की रिपोर्ट.
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