महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री इस समय न तो विधानसभा और न ही विधान परिषद के सदस्य है. ऐसे में यदि वह 28 मई तक दोनों में से किसी भी सदन का सदस्य नहीं बन पाते हैं तो उन्हें त्यागपत्र देना होगा. हालांकि ऐसा कहा जा रहा था कि उद्धव ठाकरे विधान परिषद के सदस्य बन सकते हैं, लेकिन उसमें भी पेंच फंस गया है. बीजेपी नेताओं के मुताबिक जनप्रतिनिधित्व कानून में उपचुनावों को लेकर स्थिति स्पष्ट है. अगर किसी रिक्त स्थान का कार्यकाल एक साल से कम है तो उप चुनाव नहीं हो सकता. देखें वीडियो
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