केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को एनपीआर पर मोहर लगा दी. इसके बारे में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने बताया था कि एनपीआर पहली बार 2010 में यूपीए की सरकार में शुरू हुआ था. सारे लोगों का एक कार्ड मनमोहन जी ने वितरित किया था. 2015 में इसका अपडेशन हुआ था. इसमें कोई भी प्रूफ देने की जरूरत नहीं है. न कागज देना है न बॉयोमेट्रिक है. आप जो कहोगे वही सही है, क्योंकि हमें जनता पर भरोसा है. हालांकि सरकार की ओर से ये एलान होने के बाद भी लोग अपने कागजात बनवाने के लिए लाइनों में लगने लगे हैं. देखें वीडियो
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